आचार्य दीपक शर्मा जी से जानिए भृगु सहिंता के महालक्ष्मी कौड़ी यन्त्र के लाभ
आचार्य दीपक शर्मा जी से जानिए भृगु सहिंता के महालक्ष्मी कौड़ी यन्त्र के लाभ
कर्ज़ से मुक्ति , नौकरी, कारोबार वृद्धि व अन्य सभी आर्थिक परेशानियों के लिए भृगु सहिंता विशेषज्ञ विश्वप्रसिद्ध आचार्य दीपक शर्मा जी से सलाह लें। आचार्य जी 'महालक्ष्मी कौड़ी यन्त्र' सिद्ध करवाते हैं। भृगु सहिंता के अनुसार कौड़ियाँ लक्ष्मी जी को आकर्षित करने में बहुत चमत्कारी चीज़ है। धन को आकर्षित करती हैं। इसका कारण है कि लक्ष्मी जी व कौड़ी दोनों ही समुंदर से उत्पन्न हुई हैं। इसलिए कौड़ियों को लक्ष्मी जी की बहन माना जाता है। भृगु सहिंता के एक मन्त्र में यही कारण बताया गया है। अगर कोई व्यक्ति सद्गुरु के सानिध्य में भृगु सहिंता के एक खास मन्त्र से कम से कम सवा लाख मन्त्रों से कौड़ियाँ सिद्ध करके या गुरु से करवाकर किसी शुभ मुहूर्त में अपने घर के लॉकर में स्थापित करना होता है-:
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महालक्ष्मी कौड़ी यन्त्र के लाभ-:
◆10 दिन में ही धन-कारोबार व्यापार में वृद्धि होने लगती है।◆1 से 2 महीने में ही कर्ज़ से मुक्ति मिलती है।
◆ व्यक्ति की ख्याति चारों दिशाओं में फैलने लगती है।
◆अचानक से फँसा हुआ पैसा आने लगता है।
◆बहुत तेज़ी से व्यक्ति का भाग्य चमकने लगता हैं।
◆राजपुरुषों से घनिष्ठ सम्बन्ध होने लगते हैं।
◆राजनीति में शीघ्र तरक्की मिलती है।
◆राजनीति में उच्च पद मिलता है।
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अगर कोई व्यक्ति खुद से भृगु सहिंता के कौड़ी सिद्धि मन्त्र की साधना करना चाहता है तो बहुत ही कठिन नियम हैं। इसलिए गृहस्थ व्यक्ति को खुद मन्त्र सिद्धि की बजाय गुरु से ही सिद्ध करवाकर प्रयोग करनी चाहिए। फिर भी अगर कोई व्यक्ति करना ही चाहता है तो कुछ नियम संक्षेप में नीचे बता रहा हूँ-:
मन्त्र सिद्धि के नियम-:
मन्त्र सिद्धि किसी गुरु (गुरु भृगु सहिंता को जानने वाला होना चाहिए) के सानिध्य में ही करना चाहिए। सिद्धि के चाहने वाले साधक के लिए नियम बड़े ही कठिन हैं। सबसे पहले तो साधक को अपने मन के संकल्प को मजबूत करना आवश्यक है। कम से कम 21 दिन की साधना करनी पड़ती है। इस साधना के शुरू करने पर इसे बीच मे नही छोड़ा जा सकता। जो साधक ऐसा करता है उसे जीवन भर दरिद्रता का सामना करना पड़ता है। इसके अलावा अपने घर, शरीर व मन की साफ-सफाई परम् आवश्यक है। थोड़ी सी भी अस्वच्छता होने पर साधना टूट जाती है।इस दौरान साधक को गुरु के अलावा किसी से बातचीत का परित्याग करना होता है। नशा, काम-वासना, नकारात्मक विचारों का त्याग साधना के दौरान साधक को करना होता है। जमीन पर सोना, कटि वस्त्र पहनना व नंगे पैर रहना होता है।
नोट-: इन नियमों का पालन करना अधिकतर व्यक्तियों के लिए बहुत कठिन है इसलिए गुरु से ही 'महालक्ष्मी कौड़ी यन्त्र' सिद्ध करवाकर प्रयोग करें व माँ लक्ष्मी जी की कृपा से इस पृथ्वी के समस्त ऐश्वर्य को भोगें।
ॐ ॐ ॐ
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अधिक जानकारी के लिए सम्पर्क करें
आचार्य दीपक शर्मा
भृगु सहिंता विशेषज्ञ
जींद, हरियाणा
9518016019 (कॉल और व्हाट्सएप)
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