वैदिक गणित संकलन व्यवकलनाभ्याम् विधि (सूत्र)
वैदिक गणित संकलन व्यवकलनाभ्याम् विधि
एक ऐसा सूत्र जिसे सीखकर आपको जीवन में कभी बड़ी-बड़ी गणनाओं को देखकर भी जीवन में कभी हताशा नही होगी ब्लकि चाव के साथ आप हर गणना करेगे | वैदिक गणित संकलन व्यवकलनाभ्याम् विधि : वैदिक गणित संकलन व्यवकलनाभ्याम् विधिबहुत ही सरल विधि है | इस विधि से बड़ी संख्याओं का वर्ग भी आसानी से प्राप्त कर सकते हैं | इस विधि से सवाल हल करने में समय बहुत ही कम लगता है | इसके साथ साथ हम अपने दिमाग का सही प्रयोग करना सीखते हैं | वैदिक गणित संकलन व्यवकलनाभ्याम् विधि एक बेहद स्मार्ट विधि है | वैदिक गणित में रूचि रखने वाले हर इन्सान को इसका सही प्रयोग करना आना चाहिए |
वैदिक गणित संकलन व्यवकलनाभ्याम् विधि की प्रक्रिया बहुत ही आसान है | हम बिना कोई एक भी शब्द कॉपी पर लिखे सीधा दिमाग में उत्तर निकाल सकते हैं |
यहाँ हमे एक इष्ट संख्या लेनी होती है | इष्ट संख्या जैसे 37 में 7 या 3 व 28 में 2 या 8 और इसी प्रकार अन्य संख्याओं में भी हम इष्ट संख्या मानकर किसी भी संख्या का वर्ग बड़ी ही आसानी से ज्ञात कर सकते हैं | तो सूत्र = (प्रश्न संख्या+इष्ट संख्या)(प्रश्न संख्या+इष्ट संख्या)+इष्ट संख्या का वर्ग
इस सूत्र का सही से प्रयोग करके हम किसी भी संख्या का वर्ग सरलता से निकाल सकते हैं |
उदाहरण : 37²
उदाहरण :
37² = (37+7)×(37-7)+7²
=(44×30)+49=1369
28² = (28+2)×(28-2)+2²
= (30×26)+4 = 784
43² = (43+3)×(43-3)+3²
= (46×40)+9 = 1849
56² = (56+6)×(56-6)+6²
= (62×50)+36 = 3136
87² = (87+3)×(87-3)+3²
= (90×84)+9 = 7569
122² = (122 +2)×(122-2)+2²
= (124×120)+4
= 14880+4 = 14884
इस प्रकार हमने देखा कि वैदिक गणित संकलन व्यवकलनाभ्याम् विधि के द्वारा हम किसी भी संख्या का वर्ग बड़ी ही आसानी से निकाल सकते हैं | इसमें केवल एक ही चरण में पूरी प्रक्रिया हो जाती है | और समय व मेहनत की बचत जो होती है वो अलग से | इसीलिए वैदिक गणित के इन सूत्रों का प्रयोग करना आज के इस प्रतियोगी ज़माने में आवश्यक है | और ज्यादा कहें तो यह समय की ज़रूरत बन चुका है | आने वाले कुछ वर्षों में सरकार भी इसे स्कूलों में एक अनिवार्य विषय के तौर पर लागु करने की योजना बना रही है | भारत से बाहर कई देशों में वैदिक गणित विद्यार्थियों के लिए पढना अनिवार्य बना दिया गया है |
आचार्य दीपक शर्मा जी द्वारा लिखित वैदिक गणित की पुस्तक आज ही खरीदें और सीखें पूरा वैदिक गणित घर बैठे ही।
वैदिक गणित संकलन व्यवकलनाभ्याम् विधि की प्रक्रिया बहुत ही आसान है | हम बिना कोई एक भी शब्द कॉपी पर लिखे सीधा दिमाग में उत्तर निकाल सकते हैं |
यहाँ हमे एक इष्ट संख्या लेनी होती है | इष्ट संख्या जैसे 37 में 7 या 3 व 28 में 2 या 8 और इसी प्रकार अन्य संख्याओं में भी हम इष्ट संख्या मानकर किसी भी संख्या का वर्ग बड़ी ही आसानी से ज्ञात कर सकते हैं | तो सूत्र = (प्रश्न संख्या+इष्ट संख्या)(प्रश्न संख्या+इष्ट संख्या)+इष्ट संख्या का वर्ग
इस सूत्र का सही से प्रयोग करके हम किसी भी संख्या का वर्ग सरलता से निकाल सकते हैं |
उदाहरण : 37²
उदाहरण :
37² = (37+7)×(37-7)+7²
=(44×30)+49=1369
28² = (28+2)×(28-2)+2²
= (30×26)+4 = 784
43² = (43+3)×(43-3)+3²
= (46×40)+9 = 1849
56² = (56+6)×(56-6)+6²
= (62×50)+36 = 3136
87² = (87+3)×(87-3)+3²
= (90×84)+9 = 7569
122² = (122 +2)×(122-2)+2²
= (124×120)+4
= 14880+4 = 14884
इस प्रकार हमने देखा कि वैदिक गणित संकलन व्यवकलनाभ्याम् विधि के द्वारा हम किसी भी संख्या का वर्ग बड़ी ही आसानी से निकाल सकते हैं | इसमें केवल एक ही चरण में पूरी प्रक्रिया हो जाती है | और समय व मेहनत की बचत जो होती है वो अलग से | इसीलिए वैदिक गणित के इन सूत्रों का प्रयोग करना आज के इस प्रतियोगी ज़माने में आवश्यक है | और ज्यादा कहें तो यह समय की ज़रूरत बन चुका है | आने वाले कुछ वर्षों में सरकार भी इसे स्कूलों में एक अनिवार्य विषय के तौर पर लागु करने की योजना बना रही है | भारत से बाहर कई देशों में वैदिक गणित विद्यार्थियों के लिए पढना अनिवार्य बना दिया गया है |
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आचार्य दीपक शर्मा (विश्व प्रसिद्ध वैदिक प्रचारक)
जींद, हरियाणा
9467657761 कॉल और व्हाट्सएप
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