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Showing posts from December, 2018

वैदिक गणित से बड़ी-बड़ी संख्याओं का वर्ग (Square) करें कैलक्यूलेटर से भी तेज।

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वैदिक गणित से बड़ी-बड़ी संख्याओं का वर्ग (Square) करें कैलक्यूलेटर से भी तेज। आधार संख्या 1000 के करीब की संख्याएँ : अब हम आधार संख्या 1000 के करीब की संख्याओं का वर्ग करने का तरीका आपको सीखाने जा रहे हैं | एक उदाहरण द्वारा इसे समझने का प्रयास करें – उदाहरण  : 1 992 का वर्ग करें | हल :      992² = ?                  आधार संख्या = 1000                  आधार संख्या से अंतर = -8 पहला चरण : सबसे पहले अंतर यानि यहाँ 8 का वर्ग करें | जोकि 64 आता है | और क्योंकि यहाँ आधार संख्या में 3 शून्य हैं इसलिए उत्तर के रूप में 3 अंक अंत में लिखें | 64 से पहले एक शून्य लगा लें |                       (8 का वर्ग = 064)              --- /  064  उत्तर के अंतिम 3 अंक दूसरा चरण :  992 में से अंतर यानि 8 को घटा दें | (992-8 = 984) यही उत्तर के प्रथम 3 अंक हैं |      ...

वैदिक ज्योतिष से जानें जीवन में हो रही समस्याओं का कारण व उचित निवारण

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ॐ ॐ ॐ वैदिक ज्योतिष से जानें जीवन में हो रही समस्याओं का कारण व उचित निवारण जिस के जन्म समय में सूर्य ,  शनि  , चंद्रमा , मंगल यह सब ग्रह पंचम स्थान में स्थित है तो जातक की   माता व भाई का जीवन बड़ा ही कष्टप्रद हो जाता है अर्थात ऐसा   जातक के लिए भारी होता है   | यदि 1 . 8 भाव में मंगल पाप ग्रहों से युक्त या   दृष्ट हो तथा किसी भी शुभ ग्रह की उस पर दृष्टि न हो तो जातक के लिए यह योग बहुत ही कष्टप्रद होता है | कभी कभी यह योग अकाल मृत्यु का    कारण भी बनता है | इसी पद्धति से   सूर्य व   शनि ग्रह यदि 1 . 8 में पापयुक्त दृष्ट तथा शुभ ग्रहों के   वृद्धि योग से रहित हो तब भी वे भी   अशुभ माने जाते हैं | यदि लग्न क्षितिज     लग्न में या नवम में सूर्य सप्तम में शनि ग्यारहवें भाव में बृहस्पति य शुक्र हो तो जातक हमेशा बीमार रहता है | ध्यान न देने पर किसी लाइलाज बीमारी का शिकार भी जल्दी होता है | शरीर स्थूल व कम उर्जावान होता है | बारहवें भाव में अरिष्ट की दृष्टि से सभी ग्रह खराब होते हैं यह सामान्य नियम है | इनम...

वैदिक गणित के इस सूत्र को पढ़ें और जानें कैसे किसी संख्या का वर्ग (Square) इतनी जल्दी से किया जा सकता है? ये रहा सूत्र ..............

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वैदिक गणित के इस सूत्र को पढ़ें और जानें कैसे किसी संख्या का वर्ग (Square) इतनी जल्दी से किया जा सकता है? ये रहा सूत्र ..............   1025² = ? हल :        1025×1025 = ?                  आधार संख्या = 1000                  आधार संख्या से अंतर = 25 पहला चरण : अतः 1025 आधार संख्या 1000 से 25 अधिक है इसलिए 25 का वर्ग उत्तर के अंतिम अंक के तौर पर लिखें | क्योंकि यहाँ आधार संख्या में 3 शून्य हैं इसलिए उत्तर के अंतिम 3 अंक ही लिखने हैं यानि 25×25=625 यहाँ 625 में 3 ही अंक हैं अतः उत्तर के अंतिम 3 अंक 625 हुए |                               1025-1000 = 25                                  25² = 625 अतः उत्तर के अंतिम 3 अंक लिखें                       ...

वैदिक ज्योतिष में प्राणपद की गणना का सिद्धांत।

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वैदिक ज्योतिष प्राणपद की गणना का सिद्धांत 360  अंशो के चौथाई यानि  90  प्राणों का एक प्राण पद होता है| अतः इस सिद्धांत के अनुसार   6   प्राण 1 पल के बराबर    होता है   इस प्रकार  90   प्राण  15  पल का प्राणपद होता है    अर्थात घड़ी की    चौथाई के बराबर एक राशि प्राणपद काल होता है|      स्पष्टकालीन   प्राण पद राशि जानकर    यदि सूर्य    राशि मैं है तो उसे स्पष्ट सूर्यराशी  में ही जोड़ें| 1 यदि   स्थिर राशि में    सूर्य हो तो सूर्य से नवीं राशि में   व     द्विस्वभाव    राशि में सूर्य हो तो सूर्य से पंचम राशि में प्राण राशि    जुड़ने से स्पष्ट प्राण पद लग्न होता है। अपने    इष्टकाल के पल बनाकर ,   उनमें  15  से भाग देकर जो लब्धि    हो वही राशि    अंश आदि     सूर्य के विचार से सूर्य से  19.5   राशि में जोड़ने से भी स्पष्ट प्...

वैदिक गणित का ये सूत्र सीखकर आपको कभी कैलक्यूलेटर की आवश्यकता नही पड़ेगी: आचार्य दीपक शर्मा

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वैदिक गणित का ये सूत्र सीखकर आपको कभी कैलक्यूलेटर की आवश्यकता नही पड़ेगी: आचार्य दीपक शर्मा उदाहरण          2024×2004 = ? प्रथम चरण : क्योंकि ये दोनों संख्याएँ 2000 के करीब हैं इसलिए हम 2000 को आधार संख्या मानकर इस सवाल को हल करेंगे | 2024+24 2004+4 _________________  ---/096      आधार संख्या 2000 से अंतर क्रमशः 24 व 4 24×4=96 (उत्तर के अंतिम 3 अंक क्योंकि आधार संख्या में 3 शून्य हैं इसलिए उत्तर के अंतिम 3 अंक लिखें | 96 में 2 ही अंक हैं इसलिए इस प्रकार लिखें 096) ---/096 .................................................(1) दूसरा चरण :                           2024  + 24                                  2004  + 4                                             ...

वैदिक गणित 1 से 100 तक की संख्याओं के पहाड़े याद करना

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   1 से 100 तक की संख्याओं के पहाड़े याद करना वैदिक गणित पहाड़ा (Tables) लिखने का सूत्र :  वैदिक गणित के अनुसार किसी भी संख्या का पहाड़ा लिखना बेहद आसान होता है | यहाँ हम 100 तक की संख्याओं के पहाड़े लिखने का एक सरल सूत्र समझाने जा रहे हैं | यदि आपने वैदिक गणित के इस सूत्र को समझ लिया तो आप बड़ी तेज़ी से 100 तक की किसी भी संख्या का पहाड़ा (Table) लिख सकते हैं | और न केवल लिख सकते हैं ब्लकि इन संख्याओं का पहाडा (Table) सुना भी सकते हैं | यह तरीका इतना आसान है कि 5 वर्ष का बच्चा भी इसे सरलता से सीखकर प्रयोग कर सकता है | हमने केवल 2 दिनों में इस फोर्मुले के द्वारा 5 साल के बच्चे को 100 तक पहाड़े (Tables) लिखना सीखा दिया है और 1 महीने के अभ्यास से वो बच्चे बिना कुछ लिखे 100 तक पहाड़े  सुनाने में कामयाब हुए हैं | मान लो हमे 76 का पहाड़ा लिखना है तो उसके लिए सबसे पहले 7 का पहाड़ा लिखें व फिट 6 का | आओ देखें - 7             6      =    76 14         12       =  152 2...

सीधा भाजन विधि भाग की सर्वोत्तम विधि है जानिए वैदिक गणित का ये सूत्र

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सीधा भाजन विधि भाग की सर्वोत्तम विधि कही जा सकती है निखिलिम विधि यद्यपि एक बहुत ही सरल विधि है, परन्तु यह एक व्यापक विधि नही है| हमने देखा है कि जहाँ पर भाजक आधार संख्या के करीब है वहां पर तो हम भाग की क्रिया बड़ी आसानी से कर सकते हैं| परन्तु यदि भाजक व आधार संख्या का अंतर अधिक हो तो भाग करना इतना आसन नही है| उदाहरण के लिए यदि हमें की संख्या को 99, 98, 97,102, 103 या 999, 998, 1002, 1003 आदि से भाग करना हो तो हम 10 सेकंड में ही इसका उत्तर निकाल सकते हैं| परन्तु यदि हमे किसी संख्या को 78, 454, 877, 6576 आदि से भाग करना हो तो हम निखिलम् सूत्र का प्रयोग नही कर सकते| अगर करते भी हैं तो गणनाएँ बहुत जटिल हो जायेगी और समय बहुत ज्यादा लगेगा, तब वैदिक गणित का कोई मतलब नही रह जायेगा| इसलिए ज़रूरी हो जाता है कि हम कोई ऐसी विधि सीखें जो सभी प्रकार के भाग के सवालों को हल कर सके वो भी बहुत ही सरल तरीके से| वह विधि है सरल भाजन विधि | यह बहुत ही व्यापक विधि है | भाग के हर तरह के सवालों पर यह लागु हो सकती है और प्रयोग करने में भी सरल है आओ अब हम एक उदाहरण द्वारा इसे समझने का प्रयास करते हैं  ...

वैदिक गणित के निखिलम सूत्र से भाग करना सीखिए

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वैदिक गणित के निखिलम सूत्र से भाग करना उदाहरण :  729÷97 = ? हल :      729 / 97         आधार संख्या = 100         भाजक संख्या 97 व आधार संख्या 100 का अंतर = 3 यहाँ भाजक आधार संख्या से 3 कम है | अब भाज्य संख्या खड़ी लकीर द्वारा 2 भागों में बाँट लेते हैं | पहला भाग भागफल के लिए तथा दूसरा भाग शेषफल के लिए होगा | फिर अंतिम हिस्से की संख्या यानि शेषफल वाले हिस्से की संख्या (यहाँ 29) के नीचे अंतर (यहाँ 3) व पहले हिस्से यानि भागफल वाले हिस्से (यहाँ 7)  की गुणा करने पर आई संख्या लिखें |     3×7 = 21 ,  इस 21 को 29 के नीचे लिखें व दोनों को जोड़ दें |                       7 / 29                         + 21                   ________________________________________                       ...

क्या है वैदिक गणित की पुस्तकें मंगवाने की पूरी प्रक्रिया ?

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प्रिय मित्रो नमस्कार, आचार्य दीपक शर्मा की और से आपको बहुत-बहुत शुभकामनायें | वैदिक गणित जैसे महत्वपूर्ण विषय में आपकी रूचि देखकर हमे अति प्रसन्नता हुई | भारतवर्ष की यह प्राचीन विद्या जो गणित जैसे कठिन विषय को भी इतना सरल बना देती है कि पढने वाले को इसमें मज़ा आने लगता है और बहुत जल्दी वो इतनी बड़ी बड़ी गणनाएँ करना सीख जाता है कि दूसरों के लिए वो किसी जादू से कम नही होगा | अगर आप अपने बच्चे को वैदिक गणित का ये सम्पूर्ण पाठ्यक्रम लेकर देते हैं तो यकीन मानिये आपके द्वारा खर्च किया हुआ ये पैसा आपके बच्चे के कैरियर में मील का पत्थर साबित होगा | कहा भी जाता है की अच्छी पुस्तकें ही मनुष्य का सबसे सच्चा मित्र होती हैं | वैदिक गणित शोध संस्थान द्वारा प्रकाशित इन पुस्तकों में वर्णित वैदिक गणित के सभी सूत्र इतनी अच्छी तरह से समझाए गये हैं कि कोई भी बिना किसी शिक्षक की मदद के सीखकर गणित का विद्वान बन सकता है | तो दोस्तों आज ही मंगवाएं वैदिक गणित की पुस्तकों का सेट और खुद भी पढ़ें और अपने बच्चों को भी पढ़ने को प्रेरित करें | वैदिक गणित की कुछ विशेषताएं -: Ø  साधारण गणित से 10 गुना तेज़ी स...

वैदिक गणित संकलन व्यवकलनाभ्याम् विधि (सूत्र)

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वैदिक गणित संकलन व्यवकलनाभ्याम् विधि एक ऐसा सूत्र जिसे सीखकर आपको जीवन में कभी बड़ी-बड़ी गणनाओं को देखकर भी जीवन में कभी हताशा नही होगी ब्लकि चाव के साथ आप हर गणना करेगे | वैदिक गणित संकलन व्यवकलनाभ्याम् विधि : वैदिक गणित संकलन व्यवकलनाभ्याम् विधिबहुत ही सरल विधि है | इस विधि से बड़ी संख्याओं का वर्ग भी आसानी से प्राप्त कर सकते हैं | इस विधि से सवाल हल करने में समय बहुत ही कम लगता है | इसके साथ साथ हम अपने दिमाग का सही प्रयोग करना सीखते हैं | वैदिक गणित संकलन व्यवकलनाभ्याम् विधि एक बेहद स्मार्ट विधि है | वैदिक गणित में रूचि रखने वाले हर इन्सान को इसका सही प्रयोग करना आना चाहिए | वैदिक गणित संकलन व्यवकलनाभ्याम् विधि की प्रक्रिया बहुत ही आसान है | हम बिना कोई एक भी शब्द कॉपी पर लिखे सीधा दिमाग में उत्तर निकाल सकते हैं | यहाँ हमे एक इष्ट संख्या लेनी होती है | इष्ट संख्या जैसे 37 में 7 या 3 व 28 में 2 या 8 और इसी प्रकार अन्य संख्याओं में भी हम इष्ट संख्या मानकर किसी भी संख्या का वर्ग बड़ी ही आसानी से ज्ञात कर सकते हैं | तो सूत्र = (प्रश्न संख्या+इष्ट संख्या)(प्रश्न संख्या+इष्ट संख्या)+...

वैदिक गणित से एक साथ 4 संख्याओं की गुना करना सीखें।

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एक साथ 4 संख्याओं की गुना करना ------- उदाहरण  :    106×104×103×101= ? प्रथम चरण : सबसे पहले तो 10 को आधार संख्या मानकर चारों संख्याओं का विचलन निकालें संख्याएँ———-आधार——-—विचलन 106————–100——————6 104————–100——————4 103————–100——————3 101————–100——————1 अब चारों विचलनों की गुणा करें | 6×4×3×1= 72 –/–/–/72..........................................(1) यहाँ हमे 72 प्राप्त होता है | और क्योंकि यहाँ आधार में 2 शून्य है इसलिए 72 को उत्तर के अंतिम 2 अंकों के तौर पर लिखें | दूसरा चरण : दुसरे चरण में चारों विचलनों के तीन-तीन के जोड़े बनाकर गुणा करें व इस प्रकार प्राप्त परिणामों को जोड़ दें | चारों विचलनों की गुणा इस प्रकार करें कि सभी की एक दुसरे से गुणा हो जाये | जैसा कि नीचे की हुई है यथा : विचलन = 6 4 3 1 6×4×3 + 6×4×1 + 6×3×1 + 4×3×1 = 72 + 24 + 18 + 12 = 126 अब इस चरण में प्राप्त संख्या 126 के अंतिम 2 अंकों 26 को उत्तर के तौर पर लिखें | व 1 को हासिल के तौर पर रखें | –/–/26/72....................................................(2) तीसरा चरण : ...

वैदिक गणित का ये सूत्र गणित को बनाएगा अब बच्चों का खेल :आचार्य दीपक शर्मा

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वैदिक गणित से गुणा अब पलक झपकते ही करें उदाहरण : 1008×982 = ? हल : दोनों 1000 के आसपास की संख्याएँ है अतः आधार संख्या =1000 अंतर – 1008-1000 = 8 982-1000= -18 पहला चरण : (क्योंकि 1008 व 982 में  आधार संख्या  1000 से क्रमश: 8 व -18 का अन्तर हैं) अतः दोनों संख्याओं को इस प्रकार लिखें | 1008 + 8 982 – 18 ____________ —–/-144 (क्योंकि 8×(-18) =-144  (-144 को दायें और लिखें) दुसरा चरण : इस चरण में 1008-18 = 990 या 982+8 = 990 अब इस संख्या 990 को लेफ्ट हैण्ड की और लिख दे| अब क्योंकि अंतिम तीन अंक ओ प्रथम चरम में प्राप्त हुए थे -144 एक negative संख्या हैं इसलिए 990×1000 (आधार संख्या) = 990000 और इसमें से 144 को घटा देंगे| इस प्रकार जो संख्या प्राप्त होगी वही उत्तर होगा | 1008 + 8 982 – 18 ____________ 990 /-144 990000-144= 989856 उत्तर अधिक जानकारी व वैदिक गणित की पुस्तकें मँगवाने के लिए सम्पर्क करें आचार्य दीपक शर्मा जींद, हरियाणा 9467657761 कॉल और व्हाटसअप या पुस्तकें मंगवाने की पूरी प्रक्रिया जानने के लिए यहाँ क्लिक करें

निखिलम् सूत्र से वर्ग करना सीखें आचार्य दीपक शर्मा जी से

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       निखिलम् सूत्र से वर्ग करना वैदिक गणित निखिलम् सूत्र वर्ग (Square) करना : यहाँ हम वैदिक गणित के निखिलम् सूत्र द्वारा संख्याओं का वर्ग करने का अभ्यास करेंगे | वैदिक गणित की यही खास बात है कि इसके सभी सूत्र छोटी बड़ी सभी संख्याओं पर सामान रूप से लागु होते हैं | यानि एक बड़ी संख्या के हल में भी उतना ही समय लेते हैं जितना समय एक छोटी संख्या के हल में लगाते हैं | निखिलम् सूत्र के द्वारा हमने पहले ही अध्याय में गुणा करना सीखा | अब इस अध्याय में हम इस सूत्र का प्रयोग करके किसी भी संख्या जो का वर्ग (Square) करना सीखेंगे | खासकर उन संख्याओं का जो कि आधार संख्या के करीब होगी | इस सूत्र का प्रयोग करके हम उन संख्याओं का वर्ग शीघ्रता से निकाल सकते है जिनकी आधार संख्या 10 की घात कोई संख्या है जैसे 10,100.1000............ आदि | और जो संख्याएँ इस प्रकार की आधार संख्याओं के करीब भी नही हैं उनका भी वर्ग इस सूत्र के द्वारा निकाला जा सकता है | बस एक step और जोड़ना होगा | इन सभी प्रकार के सवालों को हम आगे के उदाहरणों में स्पष्ट करेंगे | पहले हम आधार संख्याओं 10,100 व 1000.............

निखिलम् विधि से घन करना कितना सरल है जानिए वैदिक गणित के इस सूत्र से

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                                      निखिलम् विधि से घन करना              वैसे तो वैदिक गणित में घन निकालने की बहुत सी विधियाँ हैं परन्तु निखिलम् विधि सबसे सरल विधियों में से एक है , हालाँकि यह इतनी व्यापक विधि नही है फिर भी जहाँ पर यह लागू होती है वहां हम इस विधि का प्रयोग करके पलक झपकते है उत्तर मन ही मन बता सकते हैं | जैसा कि निखिलम् विधि को हमने गुणा व वर्ग करने में भी देखा कि यह विधि केवल उन्ही संख्याओं को हल करने में ज्यादा सक्षम है जो संख्याऐ आधार संख्या के ज्यादा करीब की हों | परन्तु जो भी हो यह वैदिक गणित की एक बहुत अच्छी विधि है जिसको सीखकर हम खुद को एक नई विधि का ज्ञाता बना लेंगे | एक उदाहरण द्वारा हम इसे समझने का प्रयास करते हैं | उदाहरण : 104 का घन Cube करें |             104³   = ? हल :     ...

वैदिक गणित क्या है ? जानिए वैदिक गणित के प्रसिद्ध आचार्य दीपक शर्मा जी से

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प्रिय दोस्तों नमस्कार, वैदिक गणित वह प्राचीन विधा है जिसे सीखकर गणित में सामान्य बुद्धि वाला बच्चा भी गणित का पंडित बन सकता है | वैदिक गणित के ये सुत्र न केवल सीखने में सरल हैं बल्कि रुचिकर व मनोरंज़क भी हैं | जो छात्र / छात्रा गणित को देखकर नाक - भौं सिकोड़ने लगते हैं | या जिन्हें गणित की पुस्तक देखकर ही नींद आने लगती है | वो भी अगर वैदिक गणित को पढना शुरू करेंगे तो स्वयं को तरोताज़ा महसूस करेंगे | वैदिक गणित के 3 -4 सुत्र सीख लेने से ही आपके अन्दर गज़ब का आत्मविश्वास जागृत हो जाएगा | मेरा स्वयं का अनुभव तो यहाँ तक कहता है कि एक बार पुरे लग्न से आपने इसे सीखना शुरू कर दिया तो नित्यप्रति आपके अंतर्मन से नये नये सुत्र स्वयम् ही प्रकट होने लगेगे | वैदिक ज्ञान की उपेक्षा करके हमारे देश व हमारे समाज ने बहुत भरी कीमत चुकाई है | लेकिन अब समय आ गया है कि हम पुनः हमारी महान वैदिक संस्कृति व ज्ञान से खुद को प्रकाशमान करे व आने वाली पीढ़ियों को भी यशस्वी , तेजस्वी व महान ज्ञानी बनाएँ | संकल्प करे कि तन मन धन वैदिक गणित को हर बच्चे तक पहुँचाना है | इस कार्य में आप सभी का सहयोग अपेक्षित है...